
Share0 Bookmarks 93 Reads1 Likes
सेल्फी के इस दौर में जो जी रहा इंसान,
असली जीवन छोड़, कैद में है खुश इंसान।
चेहरों की वो मुस्कान, फोटो में है बहुत भारी,
मिलते जुलते, हंसते गाते, सेल्फी लेना है प्रभावी।
दिल मिलें ना मिलें आजकल फर्क नहीं पड़ता है,
फोटो में खुश हैं, इसकी बाहर बहुत चर्चा है।
प्यार दिखाते ऑनलाइन, मिलने का है वक़्त नहीं,
एकल जीवन शैली से आज खुश है हर इंसान।
सच बोलूं तो गले मिलन से बढ़ता है जो प्यार,
सिर्फ इंटरनेट से दृढ़ ना होगा रिश्तों का संचार।
मंदिर मस्जिद में होकर, आंख बन्द ना हो जाए,
लाइव रिकॉर्डिंग जारी है, फोन ज़रा ना हिल जाए।
रिश्ते कम बने, मजबूत बने, वही है असली जीवन,
बाहर निकलो, गले मिलो, रिश्तों को कर दो पावन।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments