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तुम बिन तुम्हरा गांव

Ankit SheoranAnkit Sheoran February 28, 2023
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तुम जब हमारे शहर आते होगे...
गांव में रौनक नहीं रहती होगी
गलियां मुंह फूला लेती होंगी,
आंगन तुम्हारी एड़ियों की धमक के लिए तरसते होंगे
ऐसे माहौल में बादल कैसे बरसते होंगे,
हवा मजबूरियों में चलती होगी
फूल खुद मुरझाते हुए तुम्हारे दीदार को तरसते होंगे,
चांद बेखौफ निकलता होगा
तारे कैसे टिमटिमाते होंगे,
उधर सुरज को वहा से ढलने की जल्दी होती होगी
तुम्हारे घर छोड़ने के बाद पड़ोसी दवाओं से काम चलाते होंगे,
आज आईने के सामने खुदको पाया तो ये सोच सोच कर हैरान हूं
आपके घरवाले आपके बिना इतना लंबा वक्त कैसे बिताते होंगे,
खैर छोड़ो ये तो आने के बाद की बातें हैं,
और बताओ अब तो वो सब मौज में होंगे!!

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