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शहर में फूलों का खिलना कम हो गया है
शायद तेरे जाने का असर हो गया है,
किसी का खिलना, मुर्झाना, महकना,हंसना,उदास होना उसके वस में है,
लगता है रब और उसमें फर्क कम रह गया है।
शायद तेरे जाने का असर हो गया है,
किसी का खिलना, मुर्झाना, महकना,हंसना,उदास होना उसके वस में है,
लगता है रब और उसमें फर्क कम रह गया है।
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