
Share0 Bookmarks 45 Reads0 Likes
कितना सही हूँ मैं ये किसको लगता है
मेरी बात का बुरा मगर सबकों लगता है
पूछता हूँ जब इतने दिन बाद याद किया है
कहते हैं सब वक़्त इतना सबकों लगता है
गलत तो सब के सब लगते हैं यहां सबकों
मगर सही कौन है यहां किसको लगता है
वो कहता है कोई प्यार नही करता हमसे
मगर ईश्क ख़ूब है उससे ये हमकों लगता है।
- अंकित कन्नौजिया
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments