क्यों शून्य से टकरा रही हो's image
Love PoetryPoetry1 min read

क्यों शून्य से टकरा रही हो

Ankesh AnuragAnkesh Anurag October 28, 2021
Share0 Bookmarks 100 Reads2 Likes
क्यों शून्य से टकरा रही हो
इश्क़ को क्यों छुपा रही हो

खुद को क्यों झुठला रही हो
सूखी पलकों को क्यों भीगा रही हो

नींद तो तुम्हे अब आती नही
फिर क्यों बिस्तर बिछा रही हो

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts