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जब से रूठे नज़र नहीं आये
मुद्दतों मेरे घर नहीं आये
जो सितारे मेरे नसीब के थे
अर्श से फ़र्श पर नहीं आये
फैलते देखी सुर्खिये इशराक
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जब से रूठे नज़र नहीं आये
मुद्दतों मेरे घर नहीं आये
जो सितारे मेरे नसीब के थे
अर्श से फ़र्श पर नहीं आये
फैलते देखी सुर्खिये इशराक
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