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कभी किसी के लिए
तो कभी किसी से चाहिए ।
फुर्सत के वो पल चाहिए
जब मारले चाय की चुसकी,
सुनाए हाल अपना और
सुने कहानी उसकी।
भीड़ में रहकर भी अकेले है हम,
घर पर बैठकर भी थके है हम,
फुर्सत से भी अब फुर्सत चाहिए
कभी किसी के लिए
तो कभी किसी स
तो कभी किसी से चाहिए ।
फुर्सत के वो पल चाहिए
जब मारले चाय की चुसकी,
सुनाए हाल अपना और
सुने कहानी उसकी।
भीड़ में रहकर भी अकेले है हम,
घर पर बैठकर भी थके है हम,
फुर्सत से भी अब फुर्सत चाहिए
कभी किसी के लिए
तो कभी किसी स
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