खिड़की's image
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एक बंद कमरे की खिड़की से कहां तक दिखता होगा उसे?
कमरे के बाहर तक?
या बाहर एक खुले आसमां तक?
या आसमां में उड़ रही सिर्फ वो पंछी ?
जो रोज खिड़की पे आती है ।
उसकी बातें सुनती है।
और चली जाती है वापस ।
उसकी बातों के गीत गाते हुए।
खुले आसमां में सुनाते हुए।
और वो बंद कमरे के बाहर देख रही है ,
की कहां तक पहुंची है उसकी आवाज?
वहां तक...जहां तक दिख रहा है उसे आसमां।
और उसे नहीं दिख रहा आसमां का अंत कहीं।
और कमरे के बाहर बैठे सोच रहे बंद दरवाजे को देख कर,
की बंद कमरे के अंदर कहां तक दिखता होगा उसे?
जिन्हे दिख रहा है सिर्फ एक बंद दरवाजा।
~अंजली 

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