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इतना आसान नहीं
हर बार आपका पहले सा होना।
न आसान है,
हर बार हमारा उनसे वैसे ही मिलना
जैसे हम पहली बार मिले थे।
इतना आसान नहीं।
जो जहां है उसे वहीं छोड़ कर आगे बढ़ जाना।
न आसान है,
अपने खोए हुए हिस्से को वापस पाना।
इतना आसान नहीं
इस भाग दौड़ में रूककर खुद को ढुंढ लाना।
न आसान है,
अपने बचे हुए हिस्से को खोने से रोक पाना।
पर आसान है
ये जान पाना की,
इतना आसान नहीं
इतनी आसानी से हार मान जाना।
अंजली मिश्रा
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