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तुम्हें हर वक़्त कोई देख रहा है
कभी नाकामयाबी
कभी तुम तक पहुँचती मुसीबतों की कहानी,
कभी तुम्हारे खूबसूरत सपने
और साथ ही तुम्हारे कुछ अपने,
कभी देखेगी ये दुनिया तुम्हें एक अजीब नज़र से
और तभी कोई देखता है तुम्हें नज़र भर के,
बात सिर्फ इतनी सी है,
कि तुम किसे देखते हो..
किससे नज़रे मिलाते हो..?
किसे अपनाते और किसे ठुकराते हो..?
- अंजली द्विवेदी
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