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मेरे लिए पतझड़ होता है
जब मेरे मनपसंद फूल की
पत्तियां गिरती हैं
जब मेरी पसन्दीदा किताब
खत्म होती है
जब सब होते हैं लेकिन कोई
बात करने वाला नहीं होता
फिर भी मैं हवाओं में उड़ती हूँ
बहती हूँ नदिया के साथ
और मैं खुश होती हूँ क्योंकि
जितने पतझड़
उतने ही बसन्त भी तो आएँगे ना
मेरे लिए...
अनिता सभरवाल
#poetry
#spring
#autumn
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