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कालेज वाला रंग।

Anil jaswalAnil jaswal April 21, 2022
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सुबह जल्दी जल्दी तैयार हुआ,

मंदिर गया,

भगवान शिव को,

जल अर्पित किया,

और दुआ मांगी,

हे प्रभु!

तूं हमारी भी लव लाइफ बना,

कब तक,

यूं हीं,

अकेले आहें भरते रहेंगे,

देख देखकर,

कुढ़ते रहेंगे।


घर आया,

नाश्ता किया,

मां से बहाना लगाया,

आज है प्रैकटिकल,

अभी निकलूंगा,

तो कहीं पहूंचूंगा।


मां मुस्कराई,

अपने बेटे की निष्ठा पे,

फूली न समाई,

और आशीर्वाद देकर,

विजय भव: से,

कालेज की ओर दी विदाई।


मैंने झट से,

बाईक की स्टार्ट,

निकल पड़ा,

उसी राह,

जहां से अक्सर वो आती थी,

खूब मुस्कुराती थी,

और मुझे गलतफहमी हो जाती थी।


मौसम था आशिकाना,

मन ही मन,

भोले को एक बार,

फिर माना,

अभी कुछ ही दूर गया,

तो उसी सड़क पर,

सरपट चलते देखा,

बेचारी हवा से जूझ रही थी,

कभी किताबें,

कभी छाता,

और दुपट्टा संभाल रही थी।


मुझे लगा,

आज अपनी भोले ने सुन ली,

मैंने तुरंत बाइक,

उसके सामने खड़ी की,

और बोला,

कहो तो मैं मदद करूं,

पीछे बैठ जाओ,

मौसम खराब है,

आने वाला तूफान है,

सब के सब,

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