
कुछ तो अच्छा है तुझमें कोरोना सारी दुनिया हार रही और तू अकेला जीत आया है।
By-Aniket kohli
01- जिन्होंने कल मंदिर ,मस्जिद,गिरजाघर और गुरुद्वारे में माथा टिकाया है।
आज उन्होंने ही डॉक्टर के आगे अपना सिर झुकाया है।
कुछ तो अच्छा है तुझमें (कोरोना )सारी दुनिया हार रही और तू अकेला जीत आया है।
02- आज तूने बहुतों की जान ली है,
तो तूने बहुत कुछ सिखाया है
मंदिर , मूर्ति तो सब मोह माया है,
असल में तो इंसान ही इंसान के काम आया है।
कुछ तो अच्छा है तुझमें (कोरोना )सारी दुनिया हार रही और तू अकेला जीत आया है।
03- जिस मुस्लिम को कल हिन्दू भाई ,दुश्मन बोल आया है।
सुना है आज वही दुश्मन हिन्दू की अर्थी को कांधा भी दे आया है।
कुछ तो अच्छा है तुझमें (कोरोना )सारी दुनिया हार रही और तू अकेला जीत आया है।
04- कलतक जिन्हे हिजड़ा,छक्के और किन्नर कहकर करते थे बेइज्जत और दिखाते थे मर्दानगी अपनी उन्हें।
सुना है आज वही नामर्द इन मर्दों को खाना खिला आया है।
05- यही नहीं -हसते भी थे उनपर
और आज वही नामर्द ,मर्दों के दुख में साथ रो भी आया है।
कुछ तो अच्छा है तुझमें(कॉरोना)सारी दुनिया हार रही और तू अकेला जीत आया है।
06- पता है कलतक जो आंकड़ा हो जाता था सेंकड़ों पार,
सुना है वो रेप का आंकड़ा भी नीचे गिर आया है।
कुछ तो अच्छा है तुझमें (कोरोना )सारी दुनिया हार रही और तू अकेला जीत आया है।।
07- किसान तो हमेशा मरता ही था भूखा यहां,
सुना है तू हराम के खाने वालों के पेट पर भी लात मार आया है।
कुछ तो अच्छा है तुझमें(कॉरोना)सारी दुनिया हार रही और तू अकेला जीत आया है।
08- जिनके हाथ में होता था प्रसाद ,
आज तू इनके हाथ में भी सेनेटाइजर थमा आया है।
कुछ तो अच्छा है तुझमें (कोरोना )सारी
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments