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यादों के सहारे जो जीता है, वो दर्द के लम्हों में जीता है..

Anas KhanAnas Khan November 20, 2022
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यादों के सहारे जो जीता है,
वो दर्द के लम्हों में जीता है..

ख्वाइशे दफन करता है,
और टुकड़ों को समेट लेता है..

ख्वाब भी बुनता है,
बिखेरता है,
वो फिर टूट कर भी संभल लेता है..

कोई मेरे जैसा शक्स है,
जो इन नज्मों में खुद को ढूंढ लेता है..

फुरकत में याद करता है,

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