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हम कट्टर मठाधीश हैं।
ऐसा हम मानते हैं।
हमें सबसे दिक्कत है।
और 'हम' ऐसे ही रहेंगे।
हमारे ज़माने में ही बस
काम सही से होता था
और हमारे जितना कोई भी काम नहीं करता।
न भूतो न भविष्यति।
ये कल के आये लोग हैं,
न सोच है न समझ है,
ऊपर से न जाने किस बात का टशन है।
हम जैसा कोई मेहनती नहीं।
ऐसा 'हम' मानते हैं।
हमें सबसे दिक्कत है।
और हम ऐसे ही रहेंगे।
वो पे-रोल पर है,
रत्ती-भर का काम नहीं।
वो मात्र कॉन्ट्रैक्ट पर है,
ज़माने भर की अकड़,
उसमें कोई कमी नहीं।
इसलिए हम सबकी आलोचना करते हैं।
हम देर रात भी काम करते,
पर हमारी कोई सुनता नहीं।
ऐसा 'हम' मानते हैं।
हमें सबसे दिक्कत है।
और हम ऐसे ही रहेंगे।
किसी ने अफसर के कहने पर कुछ खरीदा,
दफ्तर ही दिवालिया ही हो गया जैसे।
किसी ने खर्चे पर रोक लगायी,
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