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जल जंगल शांत, धरातल शांत
शांत रूप में आज फलक
शांत सृष्टि के रिक्त-माथ पर
अटल नियति का घना तिलक
अवश्यंभावी समय कि चाप
बंकर-बंद क्या मैं क्या आप
शिष्ट-अशिष्ट सब एक नकाब
बच्चो से दूर बूढ़े माँ बाप
व्या
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