
Share0 Bookmarks 29 Reads0 Likes
हाथों की लकीरों में पड़ने लगी हैं दरारें,
लगता है क़िस्मत पलटने वाली है।
किस तरफ़ बस देखना बाकी है...
No posts
No posts
No posts
No posts
हाथों की लकीरों में पड़ने लगी हैं दरारें,
लगता है क़िस्मत पलटने वाली है।
किस तरफ़ बस देखना बाकी है...
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments