
Share0 Bookmarks 120 Reads0 Likes
कुछ पल पलकें झुका लेते हैं,
जब बोझल ये बहुत होने लगती हैं,
वरना तेरी बेरुखी में,
नींद कहां आए है ...
No posts
No posts
No posts
No posts
कुछ पल पलकें झुका लेते हैं,
जब बोझल ये बहुत होने लगती हैं,
वरना तेरी बेरुखी में,
नींद कहां आए है ...
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments