स्वार्थ और बेईमानी's image
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दोस्ती का दम भरते हैं वफादारी की कसमें खाकर, 

पीठ पीछे गैरों के सामने अपनों के राज खोलते हैं.... 


जुए और शराब में फूंक देते हैं रोज लाखों-करोड़ों, 

गरीब की मजदूरी देने के नाम पर जेबें टटोलते हैं... 


मजबूरी क

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