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मैं था एक भटका हुआ मुसाफ़िर,
अन्जान थी मंज़िल की डगर,
सफर तय करता चला जा रहा था,
कि बन गए तुम मेरे हमसफ़र ।
बदल
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मैं था एक भटका हुआ मुसाफ़िर,
अन्जान थी मंज़िल की डगर,
सफर तय करता चला जा रहा था,
कि बन गए तुम मेरे हमसफ़र ।
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