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तुम्हारी मंज़िल की राह में हम
अड़े ही नहीं,
तुम्हें जिताने की खातिर हम
लड़े ही नहीं ।
अके
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तुम्हारी मंज़िल की राह में हम
अड़े ही नहीं,
तुम्हें जिताने की खातिर हम
लड़े ही नहीं ।
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