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जीवन के इस सफर में, सांसें किसकी थमी नही,
अमरता को खरीद सके, इतना भी कोई धनी नही...
किस्मत के आगे कभी, किसी इंसान की चली नहीं,
मृत्यु को भी जीत सके, ऐसा कोई महाबली नहीं...
दिन में चढ़ता सूरज है, पर शाम किसकी ढली नही,
रात कितनी भी अंधेरी हो, पर सुबह कभी टली नही...
वो गुलशन ही क्या, जिसमे का
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