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मैं इन आँखो में लाया हूँ भर के तस्वीरें,
गुजरे वक्त में से खूबसूरत यादें छाँटनी है...
मैं इन सांसों में लाया हूँ भर के जिन्दगी,
गम के इस माहौल में खुशियाँ बाँटनी हैं...
मैं इस दिल में लाया हूँ भर के मोहब्बत,
दोस्ती और रिश्तों में आई दरार पाटनी है...
मैं इस महफ़िल में लाया हूँ भर के जाम,
दिलबर के इंतजार में ये शाम काटनी है...
~ अम्बुज गर्ग
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