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मैं और मेरी चाय।

Amber SrivastavaAmber Srivastava April 5, 2022
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कमाल की चीज़ है तू भी चाय,

क्या ख़ूब तू मुझसे यारी निभाए,


मोहब्बत तुझसे कुछ ऐसी है,

कि दूर तुझसे रहा ना जाए,


सुबह का हर पल निखरता जाए,

जब होठों से मेरे तू लग जाए,


कभी जो तुझसे जी भर जाए,

फिर भी तू हमेशा पास ही नज़र आए,


गरमा-गरम ये चाय मुझको,

मानो हर पल यही सिखाए,


सामने ज़िंदगी बहुत है हसीन,

जी भर के इसको जिया जाए।


कवि-अंबर श्रीवास्तव।

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