कहानी एक कविता की।'s image
Story3 min read

कहानी एक कविता की।

Amber SrivastavaAmber Srivastava April 7, 2022
Share0 Bookmarks 45776 Reads0 Likes

26 अप्रैल 2017,


इस शाम को कुछ ऐसा घटित हुआ जिसका कहीं न कहीं मुझे कब से इंतज़ार था, बाइज़्ज़त एक महिला के लिए कविता के रूप में अपनी कुछ भावनाऐं लिखी थी और इस शाम को पूरे सम्मान के साथ वो कविता उन्हें दे दी। अगस्त 2015 से जो उन्हें देखने का सिलसिला शुरु हुआ वो लगभग ढाई साल तक जारी रहा, ना कभी कोई बात ना कभी कोई मुलाकात हुई, बस कभी अगर कोई त्यौहार आता, तो मैं ही उन्हें बधाई देने की कोशिश करता था।


ग़ौरतलब बात ये है कि उन्होंने ने कभी किसी बात की पहल नहीं की, हाँ मगर मेरी बात का जवाब उन्होंने हमेशा दिया,4-6 महीने बीतने के बाद मैने एक एहसास अपने अंदर पनपते देखा जिसकी मैं कभी कल्पना किया करता था, एक ऐसा एहसास जो कभी किसी स्वार्थ से बंधा नहीं था,बिना किसी गलत भावना के केवल एक सम्मान से सजी अनुभूति मैंने पहली बार महसूस की थी किसी महिला के लिए,हालांकि उनसे दूर-दूर तक मेरा कोई सीधा संबंध नहीं थाऔर वास्तविकता ये थी कि कोई संबंध संभव भी नहीं था।


जो कविता मैंने उन्हें दी थी उसे लिख तो मैंने बहुत पहले ही दिया था पर सोचता था कि ऐसा शायद असल जीवन में नहीं होता होगा कि सिर्फ किसी को देख लेने भर से ही पूरा दिन बन जाए और एक झलक से ही संपूर्णता का अहसास हो। एक ऐसा

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts