Share0 Bookmarks 32079 Reads0 Likes
ज़िंदगी का ज़िंदगी पे,
असर चाहे जो भी हो,
अंत में इंसान अकेला ही है,
फिर हमसफर चाहे जो भी हो,
ख़ुद ही पहुंचता हर मुकाम पे,
फिर रहगुज़र चाहे जो भी हो,
हर मंज़िल हासिल है हौंसलो
No posts
No posts
No posts
No posts
ज़िंदगी का ज़िंदगी पे,
असर चाहे जो भी हो,
अंत में इंसान अकेला ही है,
फिर हमसफर चाहे जो भी हो,
ख़ुद ही पहुंचता हर मुकाम पे,
फिर रहगुज़र चाहे जो भी हो,
हर मंज़िल हासिल है हौंसलो
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments