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आपने उस दिन कहा था मुझसे,
क्या “मुझ पर आप लिख सकते हैं”,
सबसे पहले धन्यवाद आपका,
कि मुझ पर हक आप समझते हैं,
बहुत ज़्यादा तो आपको जाना नहीं,
सो सही-ग़लत आपको माना नहीं,
आप एक अच्छी इंसान हैं,
और अच्छा होना कोई बीमारी नहीं,
पर हर किसी पर भरोसा करना,
ये भी तो कोई समझदारी नहीं,
वक्त दिला देगा उन्हें एहसास,
जो तोड़ गए आपका विश्वास,
लोगों
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