अमर के सवैये's image
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संग उड़्यौ नंदलाल गुलाल भर्यो अँखियाँ बिच दोऊ करारे
धोवत - धोवत हारि थक्यो कछु  सूझि परै नहिं नैन निहारे
जाउँ कहाँ अरु केसों कहौं सखि तू ही कछू तो उपाय बतारे
जैसेऔ तैसे निकार्यों अबीर पै कान्हां न बाहर जात निकारे
 
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