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भैंसे पर बैठे हुए आ धमके यमराज
बोले बच्चा खत्म हुए सकल तुम्हारे काज
अपने सभी परिजन को देख ले अंतिम बार
यमलोक को जाने को तुम अब हो जाओ तैयार
वो बोली मैं चलती हूँ बस काम पड़े है चार
कपडे, बर्तन बाकि है धर दूँ मैं आचार
रसोई अभी तक हुई नहीं, नहीं बना आहार
कैसे अभी मैं चल पडू छोड कर ये घरबार
बोले यम, घर बार से तेरे मुझे गरज है क्या
तोड़ के अपने तार सब संग मेरे आजा
एक बार जो आ गया ना लौटूं खाली हाथ
तुझको तो इसबार ही चलना होगा साथ
बच्चे अभी स्कूल है स्वामी गए विदेश
सास ससुर भूखे मेरे, अभी ना धोए केश
बिछावन बिछी नहीं सबको लगे कलेष
चल दूंगी मैं संग तेरे बस कर लूँ काम ये शेष
अभी-अभी भिंगोया था कल के लिए बादाम
कैसे गल जाने दूँ उसको बहुत बढ़े है दाम
छः घंटे में कर लूंगी मैं सारे काम तमाम
लौट के तुम चले आना जब हो जाए शाम
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