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तु मेरी थी तु मेरी है, सदा हीं तु मेरी होगी
बीना तेरे इन आँखों में, ना सूरत दूसरी होगी
करूँ कैसे इबादत मैं किसी और चेहरे की
कि मेरे दिल में तुम्हारे बिन, कोई ना दूसरी होगी
कभी मुस्कान दे देना, कभी आँसु बहा देना
मैं तेरा हूँ हमेशा से, बस ये फरमान दे देना
तेरा हीं हक़ है मुझपर, ये हक़ से बोल देना तुम
मेरे जीवन पर बस इतना सा, तुम एहसान कर देना
कभी तु रूठ जा मुझसे, कभी मुझको मना लेना
कभी मिलने को तुम आओ, कभी मुझको बुला लेना
यही है रीत चाहत की, जो समझो तो मैं ब
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