शराब's image
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पा लेता हूँ जहां को तेरी चौखट पर लेकिन 

तेरी एक बूंद से मेरी प्यास नहीं बुझती 

भुला सकता हूँ मैं अपना वजूद भी तेरी खातिर पर 

तुझसे एक पल की दूरी मुझसे बर्दाश्त नहीं होती 


भूल जाता हूँ मैं ग़म अपने होंठो से लगाकर तुझे 

जब तक छु ना लूँ तुझे मेरी रफ्तार नहीं बढ़ती 

बड़ा सुकून मिलता है नसों मे तेरे घुलने से 

किसी भी साज़ मे ऐसी कोई बात नहीं होती 


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