(वोट के पहले)
वोट माँगने आए हैं, जोड़ कर दोना हाथ
बोले कभी न छोड़ेंगे, हम जनता का साथ
इस जनता का साथ, कभी जो हमने छोड़ा
उम्मीदों का तार, जैसे हो हम हीं ने तोड़ा
भूखा होगा कोई ना, ना सोएगा खाली पेट
हर कोई शिक्षा पाएगा, विद्यालय में बैठ
जहां खड़े हैं आज हम, यहीं पर एक नल होगा
बहेगी मोटी धार उससे के, मीठा उसका जल होगा
यहाँ के हर गली में, सड़के पूरी पक्की होंगीं
देते हैं ये जुबान हम, यहाँ बड़ी तरक्की होगी
सूरज ढलने पर भी, रातें ना काली होंगीं
अब हर घर-घर में, बल्ब की लाली होगी
हर मजदुर के घर में, गैस का चूल्हा होगा
घर होगा पूरा स्वच्छ, कहीं ना धुला होगा
यहां नो कोई नीचा, ना कोई ऊँचा होगा
न्याय सभी के साथ, बिकुल समूचा होगा
न्याय समूचा होगा, जब हम कुर्सी पर होंगे
बिन कुर्सी के कहो, हम, न्याय कहाँ से देंगे?
एक बार जो आपसे जुड़े हमारा हाथ
अगले पांच साल तक छोड़ेंगे ना साथ
हमें पता है वोट, आप हमको को ही देंगे
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