नफरत's image
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नफरत है तेरी यादों से, जो किए थे तूमने उन वादों से

हर अश्क मेरे ये बोल रहे, अब क्या लड़ना उन यादों से


साथ जो तूने छोड़ दिया, जो दिल का नाता तोड़ दिया

अब शिकवा और शिकायत क्या? मूंह मोर लिया तो मोर लिया


ना याद करेंगे अब तुमको, हर बार कहेंगे अब खुदको

तरकीब हरेक अपनानी है, अब खुदको पाना है मुझको


तु जी लेगा हम जी लेंगे, दर्द के आँसू पी लेंगे

तेरे दिये हर जख्मो को अपने हाथों से सी लेंगे


हम कैसी आग मे जलते हैं, अंगारों पर कैसे चलते है

अपने पैरों के छालों पर, हम कैसे पंखा झलते है


महसूस करेगा तड़पन को, मेरी दिल की हर धड़कन

को जब आँखों से पर्दा उतरेगा, तू खुद तोड़ेगा दर्पण को


है कसम के हम न रोएँगे, एक भी आँसू न खोएँगे

फसल उजारी जो तूने, हम बीज़ उसिके फिर बोएँगे


हम फिर लाएँगे खुशहाली, फैलाएँगे हम हरियाली

बंजर जो तूने कर डाला, उसे नया बाग़ बनाएँगे

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