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लॉकडाउन के बाद

Aman SinhaAman Sinha March 8, 2022
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लोग वही है बर्ताव नया, मिलने का अंदाज नया

पहले चिपके-चिपके चलते थे, अब दूरी का है अवतार नया

हाय-हैलो सब भूल गए है, अब हाथ मिलना भूल गए है

अब दूर से बातें करते है , सब गले लगाना भूल गए है


जब से हम घर पर बैठे थे, छुट्टी से ऐंठे बैठे थे

पहले सी अब कोई तलब न थी, मन पर काबू कर बैठे थे

बस कुछ दिन मे हीं ये हाल हुआ, तन-मन मेरा बेहाल हुआ

गठीला शख्त बदन मेरा, अदरक जैसा बदहाल हुआ


फुर्ति भी वैसी रही नहीं, कुर्सी की आदत रही नहीं

लैपटाप और की-बोर्ड की, ऊंगली की यारी रह

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