Share0 Bookmarks 48005 Reads1 Likes
कुछ क्षण हीं शेष है अब तो, मिल जाओ तुम तो अच्छा है
कैसे मैं समझाऊँ तुमको, जीवन का धागा कच्चा है
साँस में आस जगी है अब भी, तुम मुझसे मिलने आओगे
आँखें बंद होने से पहले, आँखों की प्यास बुझाओगे
तुम बिन मेरा जीवन सूना, सूना है मन का हर कोना
मन की व्यथा कम हो कैसे, साथ मेरे अगर तुम हो ना
मैं तो तेरा हो ना पाया, ना तुम मेरे हो पाए
मैं ना खुल के रो पाया कभी, ना तुम खुल के हँस पाए
तन सोया है मरण शय्या पर, पर मन चौखट पर जा बैठा
आहट तेरी छुट ना जाए, द्वार पर कान लगा बैठा
आ जाओ के अब साँसो को,
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments