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काश तुम साथ होते

Aman SinhaAman Sinha May 25, 2022
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काश तुम साथ होते, मेरे आस पास होते

मैं तुमको गले लगा लेता, अपना दर्द सुना देता

अपनी रचनाएँ तुम्हें सुनाता, गीतों में तुमको गुनगुनाता 

मेरे छंदों को सुनकर तुम मुझ जैसा उल्लास करते 

मेरे बोलों में खोकर तुम, संसार शून्य सा हो जाते 

मंद हंसीं के साथ तभी, तुम आलिंगन मेरा कर लेते  


अपने घर के दीवारों पर, खिड़की पर दरवाजों पर 

मैं बस तुमको लिखता रहता, और तुम मुझको तकते रहते 

तेरे नाम के बीच कहीं, मैं अपना नाम छूपा देता 

तुम अपने नाम में डूब के फिर मुझको खुद में ढूंढा करते  


हम मिलकर दिये जलाते फिर, सपनों के सेज सजाते फिर 

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