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जो मैं होता गीत कोई तो तुम भी मुझको गा लेते
जो मैं होता खामोश परिंदा तो अपना मुझे बना लेते
जो मैं होता फूल कोई तो गजरा मुझे बना लेते
जो मैं होता इत्र कोई तो तन पर मुझे लगा लेते
जो मैं होता काजल तो तुम टीका मेरा कर लेते
जो मैं होता रंग कोई तो होंठो पर मुझे धर लेते
जो मैं होता मेहँदी तो बस तेरे हीं हांथों पर सजाता
जो मैं होता चूड़ी कंगन तो तुझे चैन ना मेरे बिन होता
जो मैं होता वस्त्र कोई तो तेरे तन की शोभा होता
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