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जी चाहता है

Aman SinhaAman Sinha April 30, 2022
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है फूलों सी खुशबू तेरे इस बदन में

जी चाहता है मैं साँसों में भर लूँ

अधूरा रहेगा ये इकरार मेरा

पहलू में अपने जो तुझको ना भर लूँ


हंसी से तेरी खिल जाती है कलियाँ

जगमग सी हो जाती है तेरे आने से दुनिया

है किसने मिलाया नशा इस समा में

कदम लड़खड़ाते है देख कर तेरी गालियां


मैं ज़िंदा हूँ साँसे लिए जा रहा हूँ

यौवन को तेरी पीए जा रहा हूँ

सरकने ना देना तू सीने से आँचल

ख्वाहिश मनचलों सी किये जा रहा हूँ

तेरी हर हया को बस मैं जानता हूँ

तेरी हर अदा को मैं पहचानता हूँ

छुपा के जो रक्खा है दिल तुने अपना

वो मेरा ही हक़ है ये मैं मानता हूँ


बातों में अपनी तू उलझा के रख ले

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