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मैं था, मैं हूँ, और मैं रहूँगा
हुनर बनकर मैं रगों मे बहूँगा
चाहे जितना भी भुलाना चाहे ज़माना मुझको
मैं याद बनकर ज़हन में आता रहूँगा
अभी नहीं हुआ तो कुछ दिन बाद हो जाएगा
हुजूर ये इश्क़ है आज ना सही कल हो जाएगा
कोशिश करने मे हर्ज़ क्या है यारों
दिल आज सोया है तो कल जाग जाएगा
दर्द कई हैं जमाने में सबको लेकिन
बस कुछ ही होते हैं जो नासूर बन जाता है
अलविदा ना कह पाना अपनो को रुखसती में
अक्सर दिल मे कांटें सा चुभ जाता है
इश्क़ है उससे सिद्दत वाला तभी तो जाने दिया
जो जुनून बना लेता तो वो मेरे बाहों मे होती
आज वो नूर किसी और के आशियाने की तभी No posts
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