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हम मिलें या ना मिलेंं, चाहे फूल ना खिलें
लेकिन इन हवाओं में, हमारा वजूद होना चाहिए
हम चलें जिस राह में, मंज़िलों की चाह में गर मिल सके ना कारवाँ से
राहपर अपने मगर, निशान होए चाहिए
हम रहें या ना रहेंं, अश्क बनकर ना बहें
चाहे बदनामी सही पर, अपना नाम होना चाहिए
हम जलें या न जलेंं, रोशनी से ना मिले
लेकिन हर दिलों में
अपनी दिल की, आग होनी चाइए
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