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गा रहा हूँ मैं आज, अपने ग़म सभी भुलाने को
हौसला शराब का है, हाल-ए-दिल सुनाने को
राज दिल में लाखो अपने, आज सबको खोलना है
लोग रुस्वा हो भले ही, एक- एक कर बोलना है
मर गए तो क्या मरेंगे, जी कर भी करना है क्या?
कुछ ना उससे राबता है, अब भला डरना है क्या?
आज अपनी बेहयायी, सबको हम दिखाएंगे
जो भी लेने आये है हम, साथ लेकर जाएंगे
होश में लौटे हैं हम, बोतले पीने के बाद
खो चुके है अपनी गैरत, एक तेरे मिलने के बाद
चाहे जो इलज़ाम धर दे, हम नहीं कतराएंगे
तेरे हर सवाल का हम, जवाब देते जाएंगे
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