एक ही भूल's image
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ना गुजरता तेरी गलियों से तो अच्छा होता

ना जाता उस चौबारे पर तो अच्छा होता

रास्ते और भी थे मेरे पास मंज़िल तक जाने के लिए

जो तेरी राह ना चुनता तो अच्छा होता


न मुड़ता तुझे तकने को तो अच्छा होता

ना खोता तेरे सपनों मे तो अच्छा होता

चेहरे और भी थे हँसी कई आस पास मेरे

निगाहें तुझ पर ना रुकती तो अछा होता

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