
एक दिन मुझ सा जी लो
हाँ बस एक दिन मुझ सा जी लो
जाग जाओ पाँच बजे तुम और बर्तन सारे धो लो
पानी भरने के खातिर फिर सारे नल तुम खोलो
कपड़,पोछा,झाड़ू करकट बस एक बार तो कर लो
बस एक दिन मुझ सा जी लो
नाश्ते खाने की लिस्ट बनाओ
राशन, बाज़ार करके लाओ
सब्जी वाले से थोड़ा तुम मोल भाव तो कर लो
दूध वाले से, धोबी से, गैस वाले से, बनिये से तू-तू मैं-मैं तो कर लो
बस एक दिन मुझ सा जी लो
घर का पूरा बोझ उठाओ
सबके मन का खाना पकाओ
सबका ध्यान रखो तुम फिर भी सबके ताने खाओ
है हिम्मत तो मुझ जैसा तुम सब्र तुम खुद मे भर लो
बस एक दिन मुझ सा जी लो
हर रिश्ते को बांधे रखो
हर बंधन को साधे रखो
अपने आत्मसम्मान को उनके खातिर किसी किनारे धर लो
चाहे जितना भी काम करो, बिलकुल ना आराम करो
पर आपनों की बातों में कभी तुम अपना नाम ना लो
बस एक दिन मुझ सा जी लो
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