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अपनी किमती आसुओं को बेवजह यूं बर्बाद ना कर
जो तुझको भूलकर बैठा है तुभी उसको अब याद ना कर
जिसको तेरी कदर नहीं अब उसकी है फिकर करना क्या
उसकी बेबुनियादी वादों को अब सोच के आहें भरना क्या
जो दिल को तेरे तोड़ गया, अंजान गली में छोड़ गया
उसके कसमों का अब क्या करना तेरे पीठ के पीछे जो तोड़ गया
कर उन लम्हों को याद नहीं होठों पर रखना प्यास नहीं
जो चला गया ना लौटेगा तू भूल ना जाना ये बात कहीं
जाना हैं जिनको जाएंगे ना मुफ्त में प्यार लुटाएंगे
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