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आरज़ू है ये दिल की इस कदर तुझको चाहूँ
आँखों से तुझको छू लूँ प्यास अपनी बुझा लूँ
तमन्ना है यही तुझको बाहों में भर लूँ
ज़रा ही सही प्यार तुझसे मैं कर लूँ
आशिक़ी में तेरी आज खुदको मिटा दूँ
दिल की जो लगी है आज तुझको बता दूँ
कोई कह सके ना ये मैं हूँ के तू है
आज खुदको तुझी में इस कदर मैं मिला दूँ
वो शरमा के तेरा पलकों का झपकाना
उन आँखों में अपनी इक दुनिया बसा लूँ
वो जुल्फों में तेरी उंगलियों का फिरना
उन ज़ुल्फ़ों को अपनी दो जहां मैं बना लू
जो आई थी चल के तू दिल की इस गली में
दिल की उस गली को मैं सबसे छुपा लूँ
ये तेरा ही हक़ है तू जोड़े या तोड़े
कदमो में तेरी मैं दिल अपना बिछा दूँ
है गुमां मुझको अपने मोहब्बत का ऐसा
उस गुमां पर मैं अपनी हस्ती भी मिटा दूँ
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