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ये तेज़ तेज़ हृदय गति
कण कण में है उसके प्यार रति
ठहर जाए बस नज़रें मिलने भर से
जज़्बातों में हो जाए "प्रगति"
वो शाहजहां की मुमताज़ नहीं
खुली खुली उम्मीदें है, कोई राज़ नहीं
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