प्रगति's image
Share0 Bookmarks 65 Reads0 Likes
ये तेज़ तेज़ हृदय गति
कण कण में है उसके प्यार रति
ठहर जाए बस नज़रें मिलने भर से
जज़्बातों में हो जाए "प्रगति"
वो शाहजहां की मुमताज़ नहीं
खुली खुली उम्मीदें है, कोई राज़ नहीं

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts