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तुम सक्रिय हो
किसके प्रिय हो
कैसी बेचैनी है ये
कभी खुशियों के लिए जिए हो
आपाधापी में ना पड़ो
खुद के लिए लड़ो
वो जो कहता है, तुम्हारा है
बाकियों ने क्या बिगाड़ा है
उबले मस्तिष्क पे पानी डालो
ज्यादा हो तो कक्कड़ का गाना गालो
हां जरा थम के सोचो
चकाचौंध चाहिए तो "मेला" लगवालो..
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