चाय से ज्यादा खौलेंगें's image
Love PoetryPoetry1 min read

चाय से ज्यादा खौलेंगें

Aman Pratap SinghAman Pratap Singh January 12, 2022
Share0 Bookmarks 0 Reads0 Likes
अभी लिखा था तुम्हें किताबों में
यादें बुने जा रहे थे ख़्वाबों में
इक तैरती झरोखें में बदन अटक गया मेरा
अन्यथा नाम लिखें जाते मेरे खिताबों में..
कभी कहीं उछलते तरंगें दिखे होंगे
उससे भिगतें मन भी दिखे होंगे

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts