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कभी तो ख्यालों में हम होंगे
कभी तो तुम्हारे सनम होंगे
है उम्मीदें समुद्र सा गहरा
यादों में तुम्हारे ताउम्र हाथों
में हमारे कलम होंगे..
अनोखा इश्क़
अनोखे से हम
तुम्हारें बाजुओं के
बोरोलिन जैसे मलहम
धीमे धीमे असर उसके
आंखों में बसता शहर जिनके
चलते उंगलियों से सिहरे मन
आकांक्षाओं पर पहरा जान के...
~अमन
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